Monday, October 25, 2010

जुनू

मान लेना की जुनू में वो मोहब्बत थी
मगर होती है एक बार चाहे जुनू में थी 

तन्हाइयां

तन्हाइयां क्या करेगी तनहा उसे
जो खुद आबादियों में भी तनहा रहे

बढेंगे दोस्त दोस्ती किये बगैर
बढेगी दोस्ती मुबारक दिए बगैर

आयेंगे पास कैसे जो सोचेंगे दूरी की
फासला कम नहीं होता जो रोज बढता हो 

याद

रहेंगे याद में तेरी हम ग़मगीन से
कभी भूले से हमको भी याद कर लेना

रिश्ताये इश्क तो बन ही गया है
 फास्लाये इश्क भी बनाये रखना

गुज़ारिश को मेरी तुम शौक में मत लेना
यही एक आस है जिसके सहारे जी रहा हूँ मै

जो मेरे दिल में बैठे हैं वो गर मेरे होते
न होता मैं अकेला इस दुनिया के अकेलो में

ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं...... मोहब्बत ही ज़िन्दगी है....

अब करे याद किसे, कोई हमारा नहीं
सिर्फ तुम्हारे सिवा, कोई जान  से प्यारा नहीं

यदि कोई बातें याद रही तुमको
याद करते रहोगे दिन रात हमको

चाहत हमारे भले हुई न पूरी
मगर कह सकता नहीं कोई अधूरी

बात तेरी हो या मेरी, सुनता अब नहीं कोई
याद तेरी अब है मेरी, और अब नहीं कोई

उस त़ेज कदम ने हिला दिया मुझको
कर कर के याद तुझको मैं भूल गया खुदको

दास्ताने इश्क

दास्ताने इश्क को इंसान पसंद करते हैं
हम तो वो आशिक है जो इंसान पसंद करते हैं

मुलाक़ात

उस हलके असर का अब ये असर है
जो कभी इंसान था अब वो शायर है

मुलाक़ात ही ज़रूरी नहीं इस ज़िन्दगी के राह पर
ख़त तो वो ज़रिया है की रास्ता याद रहे 

बहुत धोके खाकर

बहुत धोके खाकर इंसान बदल जाता है
या तो बिगड़ जाता है फिर संभल जाता है
सँभालने वाला फूँक कर कदम रखता है
इसलिए हर शख्स को ऐ "गैर" गैर ही समझता है


ज़िन्दगी हर छण धोके से भरी है
कदम कदम में नहीं कदम में भी दूरी है 
 

Tuesday, October 5, 2010

हमें हर शख्स अपना सा लगता है
तू 'ग़ैर' ही  सही  मगर  अपना  सा  लगता  है 

Monday, October 4, 2010

किसी से कब कहाँ किसी को किसी से प्यार हो जाए

किसी  से कब  कहाँ किसी को  किसी से  प्यार  हो  जाए
तुम्हारी  याद  करते  करते  कहीं   ये  दिल हार ना  जाए
कभी  सोचो  हमें  तुम  भी  तो  शायद  प्यार  हो  जाए 
तुम्हारे  खुद  मना  करने  से  भी  इकरार  हो  जाए
अभी  तो  हर  taraf  हमको  नज़र  आते  हैं  तेरे  साए 
कभी  कुछ  करो  ऐसा  की  कल्पना  साकार  हो  जाए
बहुत  तनहाइयाँ  हैं  हर  तरफ  कहीं  हम  खो  ना  जाएँ 
कभी  तुम  भी  बढाओ  हाँथ  के  सहारा  हमको  मिल  जाए
हमेशा  सोचते  तुम  हो  की  चला  जायेगा  दूर  ये  '
ग़ैर'
कभी  हमसे  भी  तुम  पूछो  तुम्हारे  दिल  में  रहते  हैं